nahee sahaa jataa
ki koyee tumhare kareeb aaaye
aur wo nazdekee
koyee mujh ko dikhaye ya jataye
is se bhee zyada
dukh detaa hai wo pal
jab tum kisee ko khud se
zyada mere nazdeek mahsoos karo
khudaa ke liye
aisee baten mat kaho mujh se kabhee
naa is darzaa mujhe mayoos karo
ankh chalak jaatee hai
ye soch kar
ki tumhe mujh par
itanaa bhee aitbaar nahee
koyee nazdeek hai
to use hata sako
itnaa bhee ikhtiyaar nahee
tumhaare aas pas ke logon
par meraa bas nahee
meraa mahaul meraa hai
badalne nahee doongaa
tum ab meree parchayee see ban gayee ho
tum se nazdeek kisee ko
mere sath chalane nahee doonga
phir kabhee kisee ko khud se
mere paas nahee batanaa
aur koyee paas ho mere agar
tum us se bhee nazdeek chalee anaa
har fasalaa hamare liye
bas ek ajmaaish hai
tumhre mere aur nazdeek aane kee
har din nayee gunjaayish hai
नही सहा जाता
कि कोई तुम्हारे करीब आये
और वो नज़दीकी
कोई मुझ को दिखाए या जताए
इस से भी ज़्यादा
दुख देता है वो पल
जब तुम किसी को खुद से
ज़्यादा मेरे नज़दीक महसूस करो
खुदा के लिए
ऐसी बातें मत कहो मुझ से कभी
ना इस दर्ज़ा मुझे मायूस करो
आँख छलक जाती है
ये सोच कर
कि तुम्हे मुझ पर
इतना भी ऐतबार नही
कोई नज़दीक है
तो उसे हटा सको
इतना भी इख्तियार नही
तुम्हारे आस पास के लोगों
पर मेरा बस नही
मेरा माहौल मेरा है
बदलने नही दूँगा
तुम अब मेरी परछाई सी बन गयी हो
तुम से नज़दीक किसी को
मेरे साथ चलने नही दूँगा
फिर कभी किसी को खुद से
मेरे पास नही बताना
और कोई पास हो मेरे अगर
तुम उस से भी नज़दीक चली आना
हर फासला हमारे लिए
बस एक आज़माइश है
तुम्हारे मेरे और नज़दीक आने की
हर दिन नयी गुंजाइश है
8 comments:
बाप रे इतने! इतने जलनखोर.उस पर दादागिरी भी.ये कैसा प्यार? एक गाना है..'तुम्हारे रूप की तारीफ आइना भी करे तो मुझे कसम है तुम्हारी कि तोड़ दूँ उसको...तुम्हारा चाहने वाला खुदा की दुनिया में मेरे सिवा भी कोई और हो,खुदा ना करे.'
हा हा हा
हर फासला हमारे लिए
बस एक आज़माइश है
तुम्हारे मेंरे और नज़दीक आने की
हर दिन नयी गुंजाइश है' अच्छा लिखा है ये.
चलिए चिंता नही रिश्तों में ताजगी हमेशा बनी रहे तो किसी और के नजदीक आने की गुंजाइश यूँ भी नही रहती.
और....आपके दोनों के जीवन में कोई तीसरा आये ही क्यों?मरना है क्या बेचारे को? शुरू में ही इतना डरा् दिया नन्ही सी जां को.हा हा
जय श्री कृष्ण...आप बहुत अच्छा लिखतें हैं...वाकई.... आशा हैं आपसे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा....!!
इंदु पुरी जी बहुत बहुत धन्यवाद यहाँ तक आने के लिए
डिंपल जी बहुत बहुत धन्यवाद इतना मान देने के लिये
bahut pyari par possessive si rachna, achha laga padhkar.
shubhkamnayen
shukriyaa prrity
prrti dhanyavad
hmmm....too much possesive one...but shayad jahan bhaut pyar hota hai...wahan aisi feeling aa hi jati hai.....nicee one again
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