कोई एक आँसू भी आने ना देता
सीने से चेहरा हटाने ना देता
आतीं कभी तुम अगर ज़िंदगी में
कभी एक पल को भी जाने ना देता
कभी ये भी कहता चली जायो अब तुम
बहुत दूर लेकिन यूं जाने ना देता
नींदें तुम्हारी मेरी बाज़ुओं में
सीने से सर ये हटाने ना देता
सर रख के सोती मेरे बाज़ुओं पर
कभी तुमको तकिया लगाने ना देता
खफा हो किसी से खुशामद मैं करता
किसी और को मैं मनाने ना देता
पढ़ता मुहब्बत आँखों में शब भर
कुछ भी लबों से बताने ना देता
वफ़ा बेवफ़ाई जो कुछ भी करतीं
किसी बात के भी मैं ताने ने देता
कोई शब गुज़रती खामोशियों मे
लबों को लबों से हटाने ना देता
सुनता ये ग़ज़लें शब भर तुम्ही से
महफ़िल में यूं पर मैं गाने ना देता
सुलगते हुए पल मेरे दिल में रखता
धड़कन तुम्हारी जलाने ना देता
तुम्हरी भी कसमे मैं पूरी करता
वादा तुम्हे इक निभाने ना देता
11 comments:
waah ....bahut badhiya bhaav.
बहुत प्यारी गजल है, बधाई।
shukriya pallavi
shukriya tasleem group
kitni bhawpurn rachna hai,
mann ka har kona in bhawon se
bhar gaya...
khubsurat gazal
shukriya rashmi
kaash koi is deewangi se mujhe bhi kahta...........bahut hi romantic.......bas pyar ki inteha hai ye.......hamesha ki tarah bahut khoob.......aur ek masoom sa prem.......
AAP HAMESHA AISE HI ACHHA LIKHTE RAHE GOD BLESS U ALWAYS
तुम्हरी भी कसमे मैं पूरी करता
वादा तुम्हे इक निभाने ना देता
wow!etna pyar...gr8 post...
shukriya vaishali
raj shukriya
dil ko choo jaane wali rachna...
mehekk shukriyaa
Post a Comment